बिहार में नौ महीने के बाद खुले स्‍कूल, कोरोना से बचाव के लिए बनी कड़ी गाइडलाइन

कोरोना महामारी के मामले सामने के बाद बिहार में बंद पड़े स्‍कूल नौ महीने के अंतराल पर सोमवार से खुल गए। बिहार सरकार ने अभी केवल नौवीं से लेकर बारहवीं तक की कक्षाओं के संचालन की अनुमति दी है। इन कक्षाओं में भी 50 फीसद बच्‍चों को ही बुलाना है। सरकार से स्‍कूल खोलने की इजाजत मिलते ही पटना के कई स्‍कूलों में पठन-पाठन शुरू कर दिया गया है। हालांकि बेली रोड स्थित केंद्रीय विद्यालय सहित कई स्‍कूल अभी नहीं खुले हैं। इन स्‍कूलों का प्रबंधन अभी इस बारे में निर्णय लेगा कि पठन-पाठन कब से शुरू होना है।

कोरोना से बचाव के लिए पूरी सतर्कता बरत रहे स्‍कूल

पटना के स्‍कूल कोरोना महामारी से बचाव के लिए पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। सभी स्‍कूलों में बच्‍चों को मास्‍क पहनकर आना अनिवार्य किया गया है। स्‍कूल में प्रवेश के साथ ही शारीरिक दूरी का भी ख्‍याल रखा जा रहा है। सभी स्‍कूलों में सैनि‍टाइजर की व्‍यवस्‍था मुख्‍य गेट सहित अन्‍य स्‍थानों पर की गई है। कुछ स्‍कूलों में बच्‍चों के लिए ग्‍लव्‍स पहनकर आने को कहा गया है। निजी स्‍कूलों के ज्‍यादातर बच्‍चे खुद भी सैनिटाइजर लेकर पहुंचे हैं।

कुछ स्‍कूलों में प्रबंधन के स्‍तर पर रुका फैसला

पटना के कई सरकारी और निजी स्‍कूल सोमवार को नहीं खुले। इनमें बेली रोड स्थित केंद्रीय विद्यालय भी शामिल है। बताया जा रहा है कि यह स्‍कूल 11 जनवरी या उसके बाद खुल सकता है। इसी तरह माउंट कार्मेल स्‍कूल में भी अभी पठन-पाठन शुरू नहीं हुआ है। श्री चंद्रा स्‍कूल और महंत हनुमान शरण हाई स्‍कूल का ताला भी सोमवार को नहीं खुला। इन स्‍कूलों को खोलने का फैसला स्‍कूल प्रशासन ही लेगा।

पटना की सड़कों पर दौड़ने लगीं स्‍कूल बसें

पटना की सड़कों पर नौ माह के बाद स्‍कूल बसें भी दौड़ने लगी हैं। स्‍कूलों की ओर से बसों को सैनिटाइज करने के बाद इस्‍तेमाल में लाया जा रहा है। पब्लिक स्‍कूलों का दावा है कि वे हर ट्रिप के बाद स्‍कूल बस को सैनिटाइज करेंगे।

 

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