बेनामी संपत्ति पर मोदी सरकार का वार, जानकारी देने वाले को मिलेगा 1 करोड़ का इनाम

बेनामी संपत्ति पर जोरदार चोट करने के इरादे से सरकार ने एक करोड़ रुपये की इनामी योजना का ऐलान किया है. आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति को उजागर करने के लिए ‘बेनामी ट्रांसफर सूचना रिवार्ड योजना, 2018’ की शुरुआत की है. इसके तहत किसी भी व्यक्ति की बेनामी संपत्ति के बारे में जानकारी देने पर व्यक्ति को एक करोड़ की इनामी राशि मिल सकती है.बेनामी संपत्ति पर जोरदार चोट करने के इरादे से सरकार ने एक करोड़ रुपये की इनामी योजना का ऐलान किया है. आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति को उजागर करने के लिए 'बेनामी ट्रांसफर सूचना रिवार्ड योजना, 2018' की शुरुआत की है. इसके तहत किसी भी व्यक्ति की बेनामी संपत्ति के बारे में जानकारी देने पर व्यक्ति को एक करोड़ की इनामी राशि मिल सकती है.  वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी और कहा कि 'बेनामी लेनदेन सूचनार्थी पुरस्कार योजना 2018' के तहत, जॉइंट या एडिश्नल कमिश्नर को आयकर विभाग निदेशालय के जांच के दायरे आने वाली बेनामी संपत्ति की विशिष्ट जानकारी देने पर व्यक्ति को 1 करोड़ रुपये का इनाम प्राप्त हो सकता है.  जानकारी के मुताबिक इनाम प्राप्त करने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा. अगर उसके द्वारा दी गई जानकारी गलत होगी तो इनामी राशि नहीं दी जाएगी. इसके लिए आयकर विभाग अपने स्तर पर जांच करेगी.  साथ ही यह इनामी राशि तभी दी जाएगी जब बेनामी संपत्ति निरोधक कानून, 1988 के तहत आती हो, जिसे 2016 में संशोधित किया गया था.  क्या होती है बेनामी संपत्ति  कोई भी व्यक्ति जब किसी संपत्ति को अपने पैसे से किसी और के नाम से खरीदता है तो वह बेनामी संपत्ति कहलाएगी. हालांकि, यह जरूरी है कि संपत्ति में लगाया गया पैसे का स्रोत अज्ञात हो, जिसकी जानकारी आयकर विभाग को भी न हो. फिर चाहे पेमेंट कैसे भी किया उससे कोई फर्क नहीं पड़ता.  संशोधित कानून के तहत केंद्र सरकार के पास यह अधिकार है कि वो ऐसी संपत्ति को कभी भी जब्त कर सकती है. साथ ही बेनामी संपत्ति की खरीद में दोषी पाए जाने पर खरीददार को 7 सात साल की कैद की सजा हो सकती है.

वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी और कहा कि ‘बेनामी लेनदेन सूचनार्थी पुरस्कार योजना 2018’ के तहत, जॉइंट या एडिश्नल कमिश्नर को आयकर विभाग निदेशालय के जांच के दायरे आने वाली बेनामी संपत्ति की विशिष्ट जानकारी देने पर व्यक्ति को 1 करोड़ रुपये का इनाम प्राप्त हो सकता है.

जानकारी के मुताबिक इनाम प्राप्त करने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा. अगर उसके द्वारा दी गई जानकारी गलत होगी तो इनामी राशि नहीं दी जाएगी. इसके लिए आयकर विभाग अपने स्तर पर जांच करेगी.

साथ ही यह इनामी राशि तभी दी जाएगी जब बेनामी संपत्ति निरोधक कानून, 1988 के तहत आती हो, जिसे 2016 में संशोधित किया गया था.

क्या होती है बेनामी संपत्ति

कोई भी व्यक्ति जब किसी संपत्ति को अपने पैसे से किसी और के नाम से खरीदता है तो वह बेनामी संपत्ति कहलाएगी. हालांकि, यह जरूरी है कि संपत्ति में लगाया गया पैसे का स्रोत अज्ञात हो, जिसकी जानकारी आयकर विभाग को भी न हो. फिर चाहे पेमेंट कैसे भी किया उससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

संशोधित कानून के तहत केंद्र सरकार के पास यह अधिकार है कि वो ऐसी संपत्ति को कभी भी जब्त कर सकती है. साथ ही बेनामी संपत्ति की खरीद में दोषी पाए जाने पर खरीददार को 7 सात साल की कैद की सजा हो सकती है.

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